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तीन दिनों की तेजी के बाद सेंसेक्स में 800 अंकों की गिरावट: इन कारणों से हिला शेयर बाजार

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शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में बड़ा झटका लगा। बीएसई सेंसेक्स 780 अंक या 1% गिरकर 76,263.29 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 211.45 अंक या 0.9% गिरकर 23,601.5 पर आ गया। तीन दिनों की लगातार तेजी के बाद अचानक आई इस गिरावट ने निवेशकों को सकते में डाल दिया। आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारण।

आईटी और बैंकिंग शेयरों में गिरावट

शेयर बाजार की इस गिरावट में आईटी और बैंकिंग शेयर मुख्य ड्रैग साबित हुए।

  • इन्फोसिस के शेयर 5.8% गिरकर 1,812.7 रुपये पर आ गए। कंपनी द्वारा अपने वित्त वर्ष 2025 के राजस्व मार्गदर्शन को 4.5-5% तक घटाने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई।
  • एलटीआईमाइंडट्री के शेयर भी 3.4% गिरकर 5,771.1 रुपये पर बंद हुए।
  • निजी बैंकिंग शेयरों में, एक्सिस बैंक ने 6% तक की गिरावट झेली। बैंक ने अपने Q3 नतीजों में 5,432 करोड़ रुपये की ताजा गिरावट दिखाई।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बड़ी बिकवाली

जनवरी 2025 में एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार से 40,055 करोड़ रुपये निकाले। सिर्फ 16 जनवरी को ही 4,341.95 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की गई। विदेशी निवेशकों द्वारा यह रुख बाजार के लिए नकारात्मक साबित हुआ।

अंतरराष्ट्रीय कारण: इजरायल संघर्ष और ट्रंप की नीति

  • इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम में देरी ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ा दी।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त व्यापार नीतियां भी चिंता का विषय बनीं। ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको पर नए आयात शुल्क लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा।

रुपये में गिरावट

भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 86.5850 पर पहुंच गया। डॉलर की बढ़ती मांग और आरबीआई के संभावित हस्तक्षेप की अटकलों के बीच रुपये की गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी।

तकनीकी दृष्टिकोण और बाजार रुझान

  • निफ्टी इस हफ्ते 23,000-23,400 के दायरे में कारोबार कर रहा है।
  • 14 जनवरी को बने “तेजी हरामी पैटर्न” के बावजूद शुक्रवार की गिरावट ने बाजार की कमजोरी को उजागर किया।

विशेषज्ञों की राय

इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी चोक्कलिंगम का कहना है कि बजट से पहले बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, एफआईआई की बिकवाली और रुपये की कमजोरी बाजार की दिशा तय करेगी।

क्या आगे और गिरावट संभव?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली जारी रखते हैं और ग्लोबल मार्केट कमजोर रहता है, तो बाजार में और गिरावट संभव है। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और लंबी अवधि के नजरिए से रणनीति बनाने की सलाह दी जा रही है।

निष्कर्ष:
आईटी और बैंकिंग शेयरों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, रुपये की गिरावट और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों ने भारतीय शेयर बाजार पर दबाव बनाया। निवेशकों को वर्तमान परिस्थितियों में सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार के रुझानों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।

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