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भारत का सबसे खतरनाक मेडिकल घोटाला: दाँत का नहीं — आपकी जेब का इलाज किया जा रहा है

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भारत की डेंटल इंडस्ट्री: सफ़ेद कोट में छुपा काला बाज़ार

देश में दाँत का इलाज अब इलाज कम,
व्यवसाय ज़्यादा बन गया है।

बाहर मुस्कुराता स्टाफ,
अंदर एक ही खेल:
डर दिखाओ → बीमारी बढ़ाओ → महँगा इलाज बेचा जाए।

जिस दाँत को दवा या छोटे फिलिंग से आराम मिल सकता था,
उसे “गंभीर बीमारी”, “गहरी सड़न”, “तुरंत इलाज” का नाम देकर
सीधा Root Canal, Crown और कई Treatment थमा दिए जाते हैं।

मरीज को लगता है कि
“शायद मेरी हालत खराब थी”…
लेकिन सच इससे उलट हो सकता है।

1. Disturb → Damage → Dependence (सबसे आम और खतरनाक डेंटल घोटाला मॉडल)

डेंटल मुनाफ़ाख़ोरी का पहला नियम:
जहाँ समस्या नहीं — वहाँ समस्या पैदा करो।

STEP 1: दाँत को ‘जांच’ के बहाने छेड़ देना

मान लीजिए आप गए सिर्फ हल्की sensitivity लेकर।

डेंटिस्ट कुर्सी झुका देता है…
लाइट चेहरे पर…
फिर शुरू होता है:

  • तेज scraping
  • ज़्यादा deep cleaning
  • बेवजह drilling
  • enamel को खुरचना

जिस दाँत में दर्द नहीं था,
उसी में irritation शुरू कर दी जाती है।

मरीज सोच रहा है “treatment” हो रहा है,
असल में उस दाँत को pain-mode में डाल दिया जाता है।

STEP 2: पैदाकिए हुए दर्द को ‘बड़ी बीमारी’ बता देना

जैसे ही दर्द बढ़ता है, डेंटिस्ट बोल देता है:

  • “Nerve तक सड़न पहुँच गई है।”
  • “इसे Root Canal करना ही पड़ेगा।”
  • “सिर्फ filling से काम नहीं चलेगा।”

हल्की समस्या को महँगे इलाज में बदलना —
यही असली कमाई है।

₹200–₹300 की समस्या → ₹15,000–₹40,000 का बिल।

STEP 3: पास वाले दाँत को भी हल्का disturb कर दो

इलाज के दौरान
डेंटिस्ट पास के दाँत को भी हल्का scrape कर देता है।

40–60 दिन बाद:

“डॉक्टर, अब ये दूसरा दाँत भी दर्द कर रहा है…”

अब शुरू होता है दूसरा round का treatment।

यह Dentistry नहीं —
Relapse-based business model है।

2. Numbing Scam (Anesthesia घोटाला) मुँह सुन्न → दाँत सुन्न → सच सुन्न

“जिन दाँतों को छूना भी नहीं चाहिए, उन्हें anesthesia की आड़ में छेड़ दिया जाता है।”

India का सबसे खतरनाक dental scam।

STEP 1: ज़रूरत से ज़्यादा anesthesia दे देना

एक दाँत को सुन्न होना चाहिए,
लेकिन कई डेंटिस्ट पूरा:

  • upper jaw
  • lower jaw
  • gums

को सुन्न कर देते हैं।

अब मरीज को पता ही नहीं चलता कि
कौन-सा दाँत छुआ जा रहा है।

STEP 2: सुन्नपन में healthy दाँतों पर हमला

Patient को कुछ महसूस नहीं होता,
लेकिन dentist quietly:

  • healthy enamel scrape करता है
  • gums को disturb करता है
  • micro cracks डाल देता है

Damaged हुआ दाँत दर्द देगा —
लेकिन 2–3 महीनों बाद।

यही असली खेल है।

STEP 3: Treatment खत्म होते ही डर बो दो

“नीचे वाला दाँत भी कमजोर है… अभी सुन्न है इसलिए पता नहीं चलेगा।”

मरीज सोचता है:
“Doctor honest है।”

सच:
Doctor ने उसी वक्त damage किया था।

STEP 4: 2–3 महीने बाद दर्द वहीं आता है जहाँ “warning” दी गई थी

Coincidence नहीं।
Engineered pain है।

इस Scam में मरीज बेबस है क्योंकि:

  • उसने महसूस नहीं किया
  • उसे anesthetic ने सुन्न किया
  • और breakage बाद में शुरू हुआ

इसलिए यह Dentistry का
सबसे चालाक और invisible scam कहा जाता है।

3. Root Canal — भारत का Dental ATM

Root Canal सबसे ज़्यादा बेचने वाला इलाज है क्योंकि:

  • कम मेहनत
  • भारी कमाई
  • हर जगह लागू करने में आसान

Root Canal = ₹5,000–₹15,000
Crown = ₹7,000–₹25,000
Scaling = ₹1,000–₹5,000

एक दाँत की कीमत = ₹12,000–₹40,000।

सच:

80% RCT जिनकी सलाह दी जाती है,
वो medically ज़रूरी नहीं होते।

4. Crown Scam — Filling की जगह ₹20,000 का Crown

छोटा cavity जिसे filling चाहिए,
उसे crown का डर दिखाकर बेचा जाता है:

  • “ये filling नहीं टिकेगी”
  • “कभी भी टूट सकता है”
  • “Crown ही safe option है”

असल में crown तभी चाहिए,
जब दाँत का structure टूटा हो।

लेकिन business logic कहता है:

Filling = ₹800
Crown = ₹20,000

5. Full-Mouth Rehab — ₹1.5 से ₹5 लाख के “package” की लूट

एक दाँत दर्द लेकर गए,
और वापस मिले:

  • multiple RCT
  • कई crowns
  • implants
  • gum treatments

ये medical necessity नहीं —
profit-plan है।

6. Temporary Cement Trap

Temporary cement को ‘permanent’ बताकर लगा दिया जाता है।
2–3 महीनों में pain आने से
patient फिर clinic में लौटता है।

7. Over-Polishing Scam — Enamel को नुकसान पहुँचाकर पैसा कमाना

Aggressive polishing enamel को कम कर देती है।
फिर sensitivity बढ़ती है।
फिर उससे नया treatment शुरू हो जाता है।

8. X-Ray Manipulation — तस्वीरें बदलकर बीमारी बढ़ा देना

Contrast बढ़ाओ → shadow को cavity बता दो।
Tiny gap → gum infection बोल दो।

मरीज डर जाता है।
डेंटिस्ट कमाई कर लेता है।

9. EMI Dentistry — अब इलाज नहीं, subscription बेचा जाता है

₹40,000
₹1,20,000
₹2,00,000

Whitening, trimming, veneer —
सारे irreversible steps।
एक बार कराओ → हमेशा dependent।

10. Fear Marketing — सबसे बड़ा हथियार

  • “इन्फेक्शन दिमाग तक जा सकता है”
  • “दाँत फट सकता है”
  • “Jawbone खराब हो सकती है”

99% मामलों में ये सब झूठे डर होते हैं
ताकि मरीज “अभी” इलाज करवाए।

अंतिम निष्कर्ष:

India की dentistry में मरीज नहीं, revenue बनाया जाता है

यह science नहीं,
target-based business बन गया है।

जहाँ:

  • दर्द = मौका
  • डर = revenue
  • और दाँत = बिज़नेस यूनिट

भगवान ने दाँत 90 साल के लिए बनाए,
डेंटल मुनाफ़ाखोर उन्हें 9 महीने में तोड़ देते हैं।

Disclaimer:

यह लेख केवल उन डेंटिस्टों पर है जो बिना नैतिकता के काम करते हैं। अच्छे और ईमानदार डेंटिस्टों के प्रति हमारा पूरा सम्मान है — उन्हें इस पर कोई आपत्ति महसूस नहीं करनी चाहिए।

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